भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने हाल ही में फ्यूचर्स और ऑप्शंस (एफएंडओ) सेगमेंट में सट्टेबाजी को रोकने के लिए कई गंभीर और महत्वपूर्ण कदम उठाने का प्रस्ताव किया है। यह कदम ऐसे समय पर आया है जब सरकारी कार्यवाहियों और सेबी ने एफएंडओ सेगमेंट में अत्यधिक सट्टेबाजी से संभावित आर्थिक जोखिमों के बारे में गंभीर चेतावनियां दी हैं।
सेबी ने सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव यह दिया है कि न्यूनतम कॉन्ट्रेक्ट मूल्य में छह गुना वृद्धि की जाए। वर्तमान में, इंडेक्स ऑप्शंस कॉन्ट्रेक्ट का न्यूनतम मूल्य 5 लाख रुपये है और इसे पहले चरण में 15 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव है, जो छह महीने बाद 30 लाख रुपये तक बढ़ सकता है। इस कदम का मुख्य उद्देश्य उन व्यापारियों को हतोत्साहित करना है जिनके पास छोटे मात्रा में फंड हैं और जो सट्टेबाजी में भाग लेते हैं।
सेबी ने कुछ और महत्वपूर्ण उपायों का भी प्रस्ताव दिया है ताकि एफएंडओ बाजार को अधिक सुरक्षित और स्थिर बनाया जा सके। इसमें सबसे प्रमुख यह है कि एक्सचेंजों को प्रति सप्ताह केवल एक इंडेक्स पर साप्ताहिक ऑप्शंस कॉन्ट्रेक्ट लॉन्च करने की अनुमति होगी, जैसा कि वर्तमान में कई इंडेक्स पर साप्ताहिक ऑप्शंस कॉन्ट्रेक्ट लॉन्च करने की अनुमति है।
इसके अलावा, सेबी ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि बड़े ब्रोकरों के ग्राहकों द्वारा एक्सपायरी दिन पर लिए जाने वाले कुल कॉन्ट्रेक्ट्स की संख्या को सीमित किया जाए। यह कदम सट्टेबाजी को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इसके साथ ही, ब्रोकरों को अपने ग्राहकों से ऑप्शंस प्रीमियम अग्रिम रूप से एकत्रित करने की आवश्यकता होगी, जो वर्तमान में इंट्रा-डे लीवरेज प्रथाओं पर आधारित है। यह सुनिश्चित करेगा कि व्यापारियों को अपने निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त धन होना चाहिए।
यह प्रस्ताव ऐसे समय पर आया है जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच, और मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने एफएंडओ सेगमेंट में अत्यधिक सट्टेबाजी के संभावित आर्थिक जोखिमों पर चिंता जताई है।
सेबी का यह प्रयास एक व्यापक पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना और व्यापारिक अखंडता को बनाए रखना है। इसके अलावा, नवीनतम बजट में डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग पर सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) में भारी वृद्धि का प्रस्ताव भी शामिल है।
सेबी का यह प्रयास निश्चित रूप से बाजार में अनुशासन और स्थिरता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इससे न केवल छोटे व्यापारियों को अवांछित जोखिम लेने से रोका जा सकेगा, बल्कि बाजार में आंतरिक स्थिरता भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
समग्र रूप में, सेबी का यह प्रस्ताव बाजार को सुरक्षित और संगठित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इसका उद्देश्य न केवल सट्टेबाजी को कम करना है, बल्कि दीर्घकालिक निवेशकों के लिए एक अधिक स्थिर और सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है। यह कदम बाजार में विश्वास को बढ़ाने में भी मदद करेगा जो कि किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है।
सेबी का यह प्रस्ताव पारदर्शिता और सुरक्षा की ओर भी संकेत करता है। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी व्यापारियों के पास अपने निवेश की पूरी जिम्मेदारी हो और वे बिना किसी अनावश्यक जोखिम के अपने निवेश का प्रबंधन कर सकें।
सेबी के इन प्रस्तावों को लागू करने से एफएंडओ बाजार में अनैतिक गतिविधियों को रोकने में भी मदद मिलेगी। इससे न केवल बाजार में अनुशासन बढ़ेगा, बल्कि दीर्घकालिक निवेशकों के लिए एक संगठित और सुरक्षित वातावरण भी बनेगा।
सेबी की यह पहल निश्चित रूप से भारतीय वित्तीय प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा। उम्मीद है कि इन प्रस्तावों के लागू होने के बाद एफएंडओ बाजार में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।
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