सलमान खान ने कहा हाँ, मलयालम निर्देशक महेश नरायणन के साथ 70‑90 के दशक की थ्रिलर

घर सलमान खान ने कहा हाँ, मलयालम निर्देशक महेश नरायणन के साथ 70‑90 के दशक की थ्रिलर

सलमान खान ने कहा हाँ, मलयालम निर्देशक महेश नरायणन के साथ 70‑90 के दशक की थ्रिलर

3 अक्तू॰ 2025

在 : Sharmila PK मनोरंजन टिप्पणि: 12

जब Salman Khan ने मलयालम निर्देशक Mahesh Narayanan के साथ 1970‑1990 के दौर की एक अवधि‑एक्शन थ्रिलर में हाथ मिलाने को सिरहाने पर रखा, तो बॉलीवुड का माहौल सिहरन से भर गया। दोनों सितारों ने पांच‑छह बैठकों के बाद, मुंबई में पिछले हफ्ते (अगस्त 2025) हुई अंतिम चर्चा में आधिकारिक तौर पर स्पष्ट संकेत दिया – साथ मिलकर कुछ नया करने का इरादा है। यह खबर सिर्फ एक और फ़िल्म की घोषणा नहीं है; यह बताती है कि सलमान अपनी ‘कम्फर्ट ज़ोन’ से बाहर निकलकर विविध सिनेमाई दृष्टिकोणों की तलाश में हैं।

परियोजना की पृष्ठभूमि और विकास

रिपोर्ट्स के अनुसार, इस सहयोग की बातचीत तब शुरू हुई जब सलमान ने महेश की फिल्म Malik (2021) को देखा और इसकी कठोर कहानी‑शैली से प्रभावित हुए। तब से दोनों ने चार‑पाँच बार मिलकर विचार‑विमर्श किया, जिसमें कई संभावित कहानियों पर चर्चा हुई। अंततः 1970‑1990 के दशक को सेटिंग चुनना दोनों के लिए सबसे रोमांचक साबित हुआ, क्योंकि वही समय भारत की सामाजिक‑राजनीतिक धारा में कई परिवर्तन ले आया था।

महेश अब पूरी स्क्रिप्ट का विस्तृत नरेटिव तैयार करके सलमान को प्रस्तुत करेंगे। इस चरण में दो‑तीन और मीटिंग्स तय हैं, जहाँ सलमान अंतिम सहमति देंगे। यदि पाँच‑छह महीने में फिल्म की मंज़ूरी मिलती है, तो यह 2026 की शुरुआत में कैमरे के सामने आएगी – बशर्ते सलमान की वर्तमान प्रतिबद्धताएँ, जैसे Apoorva Lakhia की ‘Battle of Galwan’, पूरी हो जाएँ।

विवरण और कहानी का स्वर

फ़िल्म का टेम्पलेट एक अवधि‑एक्शन थ्रिलर होगा, जिसमें 70‑90 के दशक की भारतीय सीमाओं पर उत्पन्न होने वाले राजनैतिक षड्यंत्र, स्थानीय गैंगवैर और राष्ट्रीय सुरक्षा का मिश्रण दिखाया जाएगा। स्रोतों ने बताया कि कहानी में एक गुप्त एजेंट (संभवतः सलमान का किरदार) को एक बंकज या मादक पदार्थों की तस्करी रोकनी होगी, जो दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा रहा है। इस बीच, महेश की शैली – तीखा संवाद, मनोवैज्ञानिक गहराई, और तेज़‑तर्रार एंट्री‑एक्ज़िट – मिलकर एक ऐसी फिल्म बन सकती है, जो दर्शकों को ‘वीडियो गेम’ जैसी राइड पर ले जाए।

‘Battle of Galwan’ के समान, यह प्रोजेक्ट भी लद्दाख की कठोर पहाड़ी इलाकों में शूट होगा। सलमान ने अक्टूबर 2025 में Ladakh के लिए एक महीने की शूटिंग शेड्यूल की घोषणा की थी। उसी जगह की नजाकत और ठंडकी को नए सेट‑अप में उपयोग करके, फ़िल्म को एक ऑथेंटिक लुक मिलेगा।

निर्देशकों के दृष्टिकोण और अन्य संभावनाएँ

महेश नरायणन ने पहले ‘Patriot’ जैसी बड़े‑पैमाने की स्पाई थ्रिलर बनाई है, जिसमें मोहनलाल और मदरूमती ने प्रमुख भूमिका निभाई। वह अब सलमान के साथ काम करके दक्षिणी इंडियन सिनेमा की संवेदनशीलता को बॉलीवुड की ग्लैमर के साथ मिलाना चाहते हैं। महेश के अनुसार, “सलमान की प्रशंसक वर्ग बहुत बड़ा है, और अगर हम उन्हें कुछ नया दिखा सकें तो वो दोनों दुनियाओं को जोड़ देगा।”

सलमान की ओर से भी कई दावेदार उभरे हैं। वह कबीर खान के साथ एक स्टाइलिश एक्शनर पर चर्चा कर रहे हैं, साथ ही ‘बजरंगी भाईजान’ की सीक्वेल की संभावनाएँ भी टेबल पर हैं। दो‑हीरो प्रोजेक्ट के सिलसिले में, उन्होंने आमिर खान के साथ सहयोग की संभावना जताई है। इस दौरान, ‘Sikandar’ की विफलता (फिल्म ने बॉक्स‑ऑफ़िस पर 40% ही कमाई की) ने सलमान को नई दिशा में धकेला है।

उद्योग पर संभावित प्रभाव

उद्योग पर संभावित प्रभाव

यदि यह सहयोग पक्का हो जाता है, तो यह बॉलीवुड में एक नया ट्रेंड स्थापित कर सकता है – जहाँ बॉलीवुड के बड़े सितारे दक्षिणी क्षेत्रों के निर्देशक‑लेखकों के साथ तालमेल बिठाते हैं। इस तरह की क्रॉस‑ओवर प्रोजेक्ट्स दो‑तीनों भाषाओं के दर्शकों को एक साथ लाने की संभावना रखती हैं, जिससे टॉर्नामेंट‑प्रकार की बॉक्स‑ऑफ़िस कमाई हो सकती है।

कई एक्सपर्ट का मानना है कि 2026 में इस तरह की परियोजना का रिलीज़, जब इंडो‑पैसिफिक तथा पश्चिमी बाजारों में भारतीय फ़िल्मों की मांग बढ़ रही है, तो यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना पा सकती है। इसके अलावा, लद्दाख में शूटिंग से स्थानीय टूरिज़्म और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा, जो क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होगा।

आगे क्या? – टाइमलाइन और इंतज़ार

अभी की परिस्थितियों को देखते हुए, अगले महीने तक महेश द्वारा स्क्रिप्ट का पहला ड्राफ्ट सलमान को भेजा जाएगा। यदि दोनों पक्ष संतुष्ट होते हैं, तो प्री‑प्रोडक्शन (कास्टिंग, लोकेशन स्काउटिंग) को अक्टूबर 2025 के बाद शुरू किया जाएगा, जबकि सलमान ‘Battle of Galwan’ की लद्दाख शूटिंग के साथ इस पर काम करेंगे। 2026 के पहले क्वार्टर में फिल्म की शूटिंग शुरू होने की संभावना है, और रिलीज़ 2027 के अंत में टार्गेट किया जा रहा है।

  • मुख्य कलाकार: Salman Khan (मुख्य भूमिका)
  • निर्देशक: Mahesh Narayanan
  • स्थल: Ladakh (शूटिंग), Mumbai (परिचर्चा)
  • समयसीमा: स्क्रिप्ट फ़ाइनल – Oct 2025, शूटिंग – Q1‑2026, रिलीज़ – Q4‑2027
  • संभावित प्रभाव: बॉलीवुड‑मलयालम क्रॉस‑ओवर, नई शैली, आर्थिक लाभ

Frequently Asked Questions

यह सहयोग सलमान खान के करियर पर कैसे असर डाल सकता है?

एक नई अवधि‑एक्शन थ्रिलर, जहाँ महेश नरायणन की तीखी कहानी‑शैली संलग्न है, सलमान को ‘कम्फर्ट ज़ोन’ से बाहर निकालेगी। अगर फिल्म सफल रहती है, तो वह विभिन्न जनरे के साथ प्रयोग करने वाले अभिनेता के रूप में पहचान पाएँगे, जो भविष्य में और अधिक प्रोजेक्ट्स को दरवाज़ा खोल सकता है।

फिल्म की कहानी किस समय‑सीमा में सेट होगी?

कहानी 1970‑1990 के बीच भारतीय सीमा क्षेत्रों में घटित घटनाओं पर आधारित होगी, विशेष रूप से लद्दाख‑हिमाचल प्रदेश के आसपास के राजनैतिक तनाव को दर्शाया जाएगा।

भविष्य में इस परियोजना की रिलीज़ कब उम्मीद की जा रही है?

स्क्रिप्ट फाइनल होने के बाद, प्री‑प्रोडक्शन 2025 के अंत में शुरू होगा। शूटिंग 2026 की पहली छमाही में होने की संभावना है, और निकटतम रिलीज़ 2027 के अंत में टार्गेट की गई है।

क्या इस फिल्म में अन्य प्रमुख कलाकार भी काम करेंगे?

जैसा कि अभी तक आधिकारिक तौर पर नहीं बताया गया, लेकिन महेश नरायणन की पिच में स्थानीय कलाकारों के साथ-साथ बॉलीवुड के सहायक किरदारों को शामिल करने की संभावना है, जिससे फिल्म की पैन-इंडियन अपील बढ़ेगी।

क्या यह परियोजना भारतीय फ़िल्म उद्योग में नई प्रवृत्ति को जन्म देगी?

हाँ, यदि यह सहयोग सफल रहा, तो यह बॉलीवुड की बड़ी हस्तियों को दक्षिणी भाषा के निर्देशक‑लेखकों के साथ काम करने की राह दिखाएगा, जिससे अधिक क्रॉस‑ओवर प्रोजेक्ट्स और विविध दर्शकों तक पहुंच संभव होगी।

टिप्पणि
Ira Indeikina
Ira Indeikina
अक्तू॰ 3 2025

सलमान के साथ ऐसा प्रयोग इंडस्ट्री को नई दिशा दे सकता है!

Nilanjan Banerjee
Nilanjan Banerjee
अक्तू॰ 5 2025

इस स्वरुप की सहयोगिता केवल एक मार्केटिंग चाल न रह कर, कला का पुनर्जागरण हो सकता है।
महेश नरायणन की कथा निर्मिति में गहरा सामाजिक विश्लेषण शामिल है, जो साधारण एक्शन को परे ले जाता है।
सलमान का स्टार पावर इस गहराई को दर्शकों तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाएगा।
यदि स्क्रिप्ट सही मायने में 70‑90 के दशक की नीतियों को प्रतिध्वनित करती है, तो यह फिल्म इतिहास में एक मील का पत्थर बन सकती है।
उम्मीद है कि प्री‑प्रोडक्शन के दौरान दोनों पक्ष इस दृष्टिकोण को मजबूत करेंगे।

sri surahno
sri surahno
अक्तू॰ 7 2025

देखिए, यह सहयोग केवल सतही उत्साह नहीं है; यह एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है जो दर्शकों को मुख्यधारा की धारणा से हटाकर दीवारों के पीछे की सच्चाई दिखाने का इरादा रखता है।
महेश की फिल्में हमेशा छिपी हुई शक्ति संरचनाओं को उजागर करती हैं, और अब सलमान का जुड़ना इस संदेश को राष्ट्रीय स्तर पर फैलाने का मंच बन जाएगा।
यदि हम इस बात को अनदेखा कर दें, तो हमें इस उद्योग में धीरे‑धीरे गढ़ी जाने वाली सच्चाई से वंचित रहना पड़ेगा।

Varun Kumar
Varun Kumar
अक्तू॰ 9 2025

प्रतिस्पर्धी परिस्थितियों में इस प्रकार की क्रॉस‑ओवर फिल्में दर्शक वर्ग को विभाजित करती हैं।

Madhu Murthi
Madhu Murthi
अक्तू॰ 11 2025

भाई, इस प्रोजेक्ट में लद्दाख की ठंड भी एक किरदार बन जाएगी 🌨️❄️!
सलमान की एक्शन स्टाइल और महेश की ग्रिटेड कहानी का मिश्रण फैन फेटिक बना देगा।
मैं तो कहूँगा, इसको देखना पड़ेगा, नहीं तो पच्चीसा रह जावेगा।

Amrinder Kahlon
Amrinder Kahlon
अक्तू॰ 13 2025

अरे वाह, सोचा था कि सिर्फ बॉलीवुड ही ऐसे प्रयोग करेगा, पर अब देखो दक्षिणी दिग्गज भी साथ आ गया।
यह फिल्म पुरानी यादों को फिर से जिंदा कर सकती है, लेकिन अगर स्क्रिप्ट कमजोर रही तो सब पागलपन ही रहेगा।
छोटा सा सुझाव – अगर महेश ने लद्दाख की वास्तविक स्थानीय कास्ट को शामिल किया तो असली माहौल बना रहेगा।

Abhay patil
Abhay patil
अक्तू॰ 15 2025

भाई, तुम्हारी बात में दम है, लेकिन मैं मानता हूँ कि स्थानीय कास्ट से ही असली आकर्षण आएगा।
दूसरी ओर, अगर स्टोरीलाइन में राजनीतिक षड्यंत्र को अधिक जटिल बनाते हैं तो यह फिल्म को एक अलग स्तर पर ले जाएगी।
चलो, इस प्रोजेक्ट को देखते हैं और देखते हैं कि क्या यह वाकई में नई हवा ला पाता है।

Neha xo
Neha xo
अक्तू॰ 17 2025

मैं उत्सुक हूँ यह जानने के लिए कि महेश की कहानी में कौन‑कौन से वास्तविक ऐतिहासिक घटनाओं को बुनियादी रूप से उठाया गया है।
क्या यह फिल्म लद्दाख में हुए वास्तविक सन्दूक चोरी को दर्शाएगी या फिर काल्पनिक कहानी की सीमा में रहेगी?
विचार यह है कि अगर ऐतिहासिक तथ्यों को सटीक रूप से पेश किया गया तो दर्शक इसे गंभीरता से लेंगे।

Rahul Jha
Rahul Jha
अक्तू॰ 20 2025

सबसे पहले, यह समझना ज़रूरी है कि इस तरह की क्रॉस‑ओवर परियोजनाएँ केवल बॉक्स‑ऑफ़िस की धूम नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा के भविष्य की दिशा को भी प्रभावित करती हैं।
पहला बिंदु: दोनों कॉरिडोर (बॉलीवुड और मलयालम) की दर्शक वर्गीय पसंदों में बुनियादी अंतर है, इसलिए स्क्रिप्ट को दोनों को संतुलित करना होगा।
दूसरा, 70‑90 के दशक की सामाजिक‑राजनीतिक पृष्ठभूमि को सही ढंग से चित्रित करने के लिए गहन अनुसंधान आवश्यक है, नहीं तो यह सिर्फ नॉस्टाल्जिया का ढक्कन बन जाएगा।
तीसरा, सलमान की स्टार पावर के साथ ही महेश की दृष्टि को मिलाकर एक नया जेनेर लाया जा सकता है, जिससे भविष्य में और अधिक बहुभाषीय सहयोग संभव हो सकता है।
चौथा, तकनीकी पहलू पर ध्यान देना होगा – लद्दाख की कठिन भू-भौतिकी में हाई‑एंड कैमरा तकनीक और ड्रोन शॉट्स का उपयोग फिल्म को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना देगा।
पाँचवाँ, बजटिंग का सवाल भी महत्वपूर्ण है क्योंकि दो अलग‑अलग फिल्म उद्योगों की लागत संरचना अलग होती है; इसे सही से मैनेज नहीं किया गया तो प्रोडक्शन में देरी और खर्च में वृद्धि हो सकती है।
छठा, मार्केटिंग स्ट्रेटेजी को दोनों क्षेत्रों के मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर संतुलित करना पड़ेगा; न केवल हिंदी, बल्कि मलयालम और संभवतः अंग्रेज़ी भी लक्षित होना चाहिए।
सातवाँ, फिल्म के साउंडट्रैक को दो भाषाओं में दो बार रिकॉर्ड किया जाना चाहिए, जिससे सूचनात्मक गहराई और सांस्कृतिक प्रामाणिकता बनेगी।
आठवाँ, रिलीज़ टाइमलाइन को स्थानीय पर्वों और स्कूल छुट्टियों के साथ तालमेल बैठाकर अधिकतम दर्शक पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए।
नवाँ, यदि फिल्म सफल रहती है तो यह भविष्य में कई समान प्रोजेक्ट्स को प्रेरित कर सकती है, जैसे कि 'भविष्य के साहसिक' या 'राष्ट्र का रक्षक' जैसे थीम पर काम।
दसवाँ, उद्योग के भीतर नई प्रतिभा को अवसर मिलेंगे, क्योंकि दोनों इंडस्ट्रीज को मिलकर नई तकनीकों और कहानियों की खोज करनी होगी।
ग्यारहवाँ, इस फिल्म के माध्यम से लद्दाख के स्थानीय कलाकारों को राष्ट्रीय मंच पर लाने का मौका मिलेगा, जिससे उनके कलाकौशल को मान्यता मिलेगी।
बारहवाँ, यदि फोकस केवल व्यावसायिक लाभ पर है, तो कहानी की गहराई और सामाजिक संदेश कमजोर पड़ सकते हैं।
तेरहवाँ, इस प्रोजेक्ट से भारत की सॉफ्ट पावर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा मिलेगा, विशेषकर जब फिल्म अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में भाग लेगी।
चौदहवाँ, दर्शकों के फीडबैक को शुरुआती रिलीज़ स्क्रीनिंग में शामिल करना जरूरी है, ताकि अंतिम प्रोडक्ट में आवश्यक सुधार किए जा सकें।
पंद्रहवाँ, अंत में, इस सहयोग की सफलता या विफलता दोनों ही भविष्य की बहुभाषी सिनेमाई रणनीतियों को आकार देगी। 😊

Gauri Sheth
Gauri Sheth
अक्तू॰ 22 2025

हम सभी को यह याद रखना चाहिए कि फिल्म बनाते समय मानवता और नैतिकता को नहीं भूला जाना चाहिए।
यदि कहानी में ग्लोरियस एक्शन के साथ इंसानियत का संदेश नहीं हो तो क्या फायदा?

om biswas
om biswas
अक्तू॰ 24 2025

इंडिया का इमेज तो हमेशा फोर्टिफ़ाई करना चाहिए, और ऐसी फ़िल्में कभी भी बवाल नहीं बनेंगी।

sumi vinay
sumi vinay
अक्तू॰ 26 2025

उम्मीद है कि इस प्रोजेक्ट से हमारे युवा साकारात्मक प्रेरणा लेंगे!
सफलता की राह में सकारात्मक ऊर्जा ही सबसे बड़ी शक्ति है।

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