नमस्ते! अगर आप रोज़मर्रा की खबरों के साथ‑साथ अपने धर्म और आस्था से जुड़ी ताज़ा जानकारी चाहते हैं, तो आप सही जगह पर आए हैं। यहाँ हम आपको हिंदू धर्म के प्रमुख त्यौहार, व्रत, पूजा विधि और उनके महत्व को सीधा, समझने लायक भाषा में पेश करेंगे।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2024 6 जुलाई से 15 जुलाई तक चलेगी। इस नौ‑दिवसीय उत्सव में देवी दुर्गा की अनकही महिमा का विशेष रूप से पूजा‑पाठ किया जाता है। अगर आप चाहें तो व्रत रख कर उनकी कृपा अर्जित कर सकते हैं। व्रत के दौरान शुद्ध जल, फल‑सब्ज़ी और सादे भोजन से बिना कोई ताल्लुक़ वाले स्वादिष्ट व्यंजन तैयार कर सकते हैं।
जून में दो बड़ी एकादशी आती हैं – अपरा एकादशी 2 जून और निर्जला एकादशी 17 जून। दोनों व्रत पापों से मुक्ति और मनोकामना पूरी करने के माना जाता है। इन व्रतों में विष्णु भगवान की आराधना, शुद्ध भोजन और सादे कपड़े पहनना आवश्यक है। अगर आप पहली बार व्रत रख रहे हैं तो सुबह के समय जल व्रत शुरू कर सकते हैं और शाम को हल्का फलों का रस सेवन कर सकते हैं।
इन दोनों तीर्थयात्राओं में सबसे बड़ी बात यह है कि आप अपने घर की शांति में रहकर भी आध्यात्मिक ऊर्जा को महसूस कर सकते हैं। विशेष पवित्र ग्रंथों की पाठ, मंत्रों का जप और सरल पूजा विधि से आप अपने मन को साफ़ कर सकते हैं।
धर्म के बारे में पढ़ते‑पढ़ते अक्सर हम सवालों की कड़ी में पड़ जाते हैं: ‘क्या इस व्रत से मेरे कर्म सुधरेंगे?’ या ‘कौनसे शुभ मुहूर्त से शुरू करूँ?’ इन सवालों के जवाब हमने नीचे संक्षेप में रखे हैं।
1. व्रत के शुरुआती समय का चयन तब करें जब सूर्य स्पष्ट रूप से उग रहा हो – यह ऊर्जा को बढ़ाता है।
2. शुद्ध जल को पहले नुस्खा के रूप में पिएँ – यह शरीर को डिटॉक्स करता है और मन को शान्ति देता है।
3. शाम के समय दीपक जलाकर मातृकुंड या घी‑दीपक के साथ ध्यान करें – यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
धर्म और आस्था की इस श्रेणी में हम केवल त्यौहार ही नहीं, बल्कि जीवन के छोटे‑छोटे पहलुओं में आध्यात्मिकता को भी जोड़ते हैं। चाहे आप नई पारी में हों या अनुभवी भक्त, यहाँ की जानकारी आपके लिए काम की होगी।
अपने दोस्तों और परिवार के साथ इन महत्त्वपूर्ण तिथियों को साझा करें और साथ‑साथ अपनी आस्था को और गहरा बनाएं। अगर आप अभी भी संकोच में हैं तो हमारे पिछले लेखों को पढ़ें, वहाँ विस्तार से बताया गया है कि कैसे सरल कदमों से आप अपने व्रत को सफल बना सकते हैं।
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नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचरिणी की पूजा का विशेष महत्व है। इस लेख में देवी की कहानी, रंग, कपड़े और विस्तृत पूजा विधि को समझाया गया है। साथ ही संकल्प, मंत्र और आरती तक का पूरा क्रम बताया गया है। पढ़ें कैसे आप इस पवित्र दिन को सच्ची श्रद्धा के साथ मनाएँ।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2024 का धार्मिक महत्व और इसमें पालन किए जाने वाले नियम-रिवाज। यह नौ दिनों का त्यौहार 6 जुलाई 2024 से शुरू होकर 15 जुलाई 2024 को समाप्त होता है। देवी दुर्गा की पूजा और व्रत के द्वारा भक्त उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
जून 2024 में दो महत्वपूर्ण एकादशी व्रत आयेंगे: अपरा एकादशी और निर्जला एकादशी। अपरा एकादशी 2 जून को और निर्जला एकादशी 17 जून को मनाई जाएगी। इन दोनों व्रतों का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है, जिसमें ये व्रत पापों से मुक्ति और मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाले माने जाते हैं। पूजा विधि के अनुसार भगवान विष्णु की आराधना की जाती है।