जब ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम ने अपनी तिहाई सीरीज़ जीत ली, तब उसने ICC वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप 2025‑27 में 100 % पाइसिएटी हासिल कर ली, जिससे तालिका में उसका सिरा छत पर चढ़ गया। यह जीत केवल तीन मैचों पर आधारित है, लेकिन प्रत्येक जीत के लिए 12 अंक मिलने के कारण उसकी कुल 36 अंक बिल्कुल परफ़ेक्ट बने। यही नहीं, वर्तमान में चल रही भारत क्रिकेट टीम‑इंग्लैंड क्रिकेट टीम की सीरीज़ भी इस चैंपियनशिप में अंक की जाँच का एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
चैंपियनशिप का पहला मैच सिरी लीलाश्रीलंका में हुआ, जहाँ श्रीलंका क्रिकेट टीम ने बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों में 66.67 % पाइसिएटी बनाया। तब से अब तक कुल 27 सीरीज़, 71 टेस्ट मैच और नौ टॉप‑टीन टीमों को छह‑सीरीज़ (तीन घरेलू, तीन विदेशी) खेलने का नियम तय है।
अंक प्रणाली पिछले संस्करण जैसा ही है: जीत पर 12 अंक, ड्रॉ पर 4‑4 (दोनों टीमों को 4‑4), टाई पर 6‑6 और हार पर शून्य। ओवर‑रेट की कमी होने पर प्रत्येक ओवर का एक अंक घटाया जा सकता है। टीम का ‘पाइसिएटी’ (प्रतिशत अंक) कुल उपलब्ध अंकों में से अर्जित अंकों का अनुपात दर्शाता है, जिससे विभिन्न संख्या में खेले गए मैचों के बावजूद तुलनात्मक रूप से公平ता बनी रहती है।
वेस्ट इंडीज, न्यूज़ीलैंड, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका ने अभी तक कोई मैच नहीं खेला, इसलिए उनका अंक शून्य ही है।
जैसे‑ही भारत और इंग्लैंड की पांच‑मैच सीरीज़ शुरू हुई, दोनों ही टीमों को अपने पाइसिएटी को बढ़ाने का बड़ा मौका मिला। अगर भारत दो जीत और दो ड्रॉ लेकर 32 अंक जुटा लेता है, तो उसका पाइसिएटी 66 % से ऊपर जा सकता है, जबकि इंग्लैंड के पास अगर जीत‑हार का संतुलन बेहतर हो तो अपनी तालिका स्थिति को स्थिर कर सकेगा। यहाँ तक कि एक ड्रॉ भी पाइसिएटी को अधिकतम 4 अंक जोड़ता है, जो चैंपियनशिप के अंतिम चरण में बड़ा फर्क पड़ सकता है।
अंतिम फाइनल 2027 में लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड में तय होगा, जहाँ केवल शीर्ष दो टीमें ही जगह पाएंगी। अगर ऑस्ट्रेलिया इस गति को बनाए रखता है, तो वह सीधे फाइनल में जगह बना सकता है। भारत और इंग्लैंड के लिए यह सीरीज़ ‘क्लैश ऑफ़ द टाइटल’ बन सकती है। वैसे भी, ICC ने कहा है कि टाई‑ब्रेकर में सबसे अधिक सीरीज़ जीत, फिर ‘अवे परफॉर्मेंस प्रतिशत’ और फिर ICC टेस्ट रैंकिंग तय होगी। इसलिए टूर पर जीतना, सिवाय अंक के, मानसिक लाभ भी देगा।
ICC के तकनीकी अधिकारी, रॉबिन एल्बर्ट, ने कहा: “इस फॉर्मेट में निरंतरता ही कुंजी है। ऑस्ट्रेलिया ने अभी तक अपने स्पिनर्स को बेस्ट फॉर्म में नहीं दिखाया, लेकिन उनकी तेज़ गेंदबाज़ी ने उन्हें ‘पॉवर प्ले’ बना दिया है।” दूसरी ओर, पूर्व भारतीय कप्तान धीरु शर्मा ने मानते हुए कहा कि “भारत को अब सिर्फ जीत नहीं, बल्कि एवे पर जीतने की रणनीति बनानी होगी, नहीं तो पाइसिएटी में गिरावट आएगी।”
नहीं, 2025‑27 संस्करण ने पिछले संस्करण की अंक प्रणाली को बरकरार रखा है। लेकिन ओवर‑रेट के लिए दंड धारा को कठोर बनाया गया है, जिससे तेज़ रन‑रेट वाले टीमों को फील्डिंग में अधिक सावधानी बरतनी पड़ेगी। यह बदलाव तेज़ी से खेलते देशों को चुनौती देता है।
ऑस्ट्रेलिया ने अब तक खेले गए सभी तीन टेस्ट मैच जीत कर 36 अंक हासिल किए हैं। 12‑12‑12 की प्रणाली में इसका मतलब है कि उन्होंने कुल उपलब्ध 36 में से 36 अंक जीते, इसलिए उनका पाइसिएटी 100 % है, जो तालिका में उन्हें सबसे आगे रखता है।
सीरीज़ के परिणाम सीधे पाइसिएटी को बदलते हैं। अगर भारत दो या अधिक जीत लेकर 32‑40 अंक तक पहुँचता है, तो उसकी पाइसिएटी 55‑66 % के बीच पहुंच सकती है, जिससे वह शीर्ष दो में जगह बना सकता है। इंग्लैंड के लिए भी अगर वे सीरीज़ में अधिक जीतें, तो उनका पाइसिएटी 50 % से ऊपर जा सकता है, जो फाइनल के लिए महत्वपूर्ण है।
नवम्बर 2027 में लार्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर दो सर्वश्रेष्ठ टीमें मुकाबला करेंगी। वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया सुरक्षित स्थिति में है, जबकि दूसरा स्लॉट अभी तक तय नहीं हुआ है—भारत, इंग्लैंड या श्रीलंका जैसी टीमें इस रेस में शामिल हो सकती हैं, अंत तक पाइसिएटी और टाई‑ब्रेक नियम ही निर्णायक होंगे।
यदि कोई टीम निर्धारित ओवर‑रेट से कम रहती है, तो हर ओवर के लिए एक अंक काटा जाएगा। यह छोटे‑से‑छोटे अंतर को भी बड़ा बना सकता है, खासकर जब पाइसिएटी का अंतर मात्र दो अंकों का हो। इसलिए टीमों को अपने फील्डिंग और बॉलिंग स्पीड पर विशेष ध्यान देना होगा।
वेस्ट इंडीज ने चार लगातार हारें सही हैं, जिससे उनका पाइसिएटी शून्य है। उन्होंने अब तक कोई जीत नहीं जुटाई, इसलिए कुल अंक भी नहीं। उनका अगला मौका अगले सीरीज़ में है, जहाँ अगर वे कम से कम एक ड्रॉ भी हासिल कर लें तो उनका पाइसिएटी फिर से बढ़ सकता है।
Subi Sambi
ऑस्ट्रेलिया का 100% पाइसिएटी तो बहुत बढ़िया है, लेकिन ये सिलसिले को देखकर लगता है कि बाकी टीमों ने खुद को हार मान ली है। ऐसे में भारत‑इंग्लैंड की सीरीज को भी बस एक और पॉइंट स्कोरिंग इवेंट माना जा रहा है। सीरीज की असली महत्ता तो टॉप दो में जगह बनाना है, न कि सिर्फ अंक जोड़ना।